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कताई

>> Friday 31 December 2010



ख़्वाबों की पुनिया को 
आँखों की तकली से
काता  है शिद्दत से 
सारी ज़िंदगी मैंने 
कभी तो मन माफिक 
सूत  मिले , 
आज भी कातना
बदस्तूर जारी है ... 



88 comments:

shikha varshney Fri Dec 31, 07:25:00 pm  

बस काटना जारी रहे .मन माफिक सूत मिलता रहेगा :).और रेशम भी बनेगा .
नव वर्ष में बहुत से रेशम की दुआओं के साथ
शिखा.

vandana gupta Fri Dec 31, 07:26:00 pm  

ख़्वाबों की पुनिया को
आँखों की तकली से
काता है शिद्दत से
सारी ज़िंदगी मैंने
कभी तो मन माफिक
सूत मिले ,
आज भी कातना
बदस्तूर जारी है ...

उफ़!कितना गहन लिख दिया…………सीधा दिल को छू गया ………सही कह रही हैं आज भी जारी है देखें कब मुराद पूरी होती है।

vandana gupta Fri Dec 31, 07:27:00 pm  

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

ब्लॉ.ललित शर्मा Fri Dec 31, 07:39:00 pm  


कातना सक्रियता की निशानी है।
सुंदर कविता के लिए आभार
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं

चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई

डॉ टी एस दराल Fri Dec 31, 07:59:00 pm  

बस चलते रहिये , मंजिल अपने आप मिल जाएगी ।
सुन्दर रचना ।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

Parul kanani Fri Dec 31, 08:00:00 pm  

aapki ye dua kabool ho..aamin!

Patali-The-Village Fri Dec 31, 08:01:00 pm  

सुंदर कविता के लिए आभार| नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

प्रवीण पाण्डेय Fri Dec 31, 08:30:00 pm  

यही सूत हमें उत्साह से बाँधता रहता है।

Deepak Saini Fri Dec 31, 08:57:00 pm  

यही सूत हमें उत्साह से बाँधता रहता है।
सुंदर कविता के लिए आभार
आपको नव वर्ष की हृार्दिक शुभकामनाये

Anonymous Fri Dec 31, 09:08:00 pm  

खुबसूरत रचना ! नये साल की अनंत शुभकामनायें !

अनामिका की सदायें ...... Fri Dec 31, 09:15:00 pm  

koshishe aur khawaab kabhi na kabhi rang laate hain....aapke khaab jaroor pure honge. yahi is naye varsh me apke liye dua hai.

Aruna Kapoor Fri Dec 31, 09:28:00 pm  

aneko shubh-kamnaayen....naya saal magalmay ho!

Avinash Chandra Fri Dec 31, 09:41:00 pm  

कितना ख़ूबसूरत लिखा है...

ये कातते जाना जारी रहे..सतत, सहज, अनवरत.. :)

मिले तो हैं वो धागे,
मजबूत, बेशकीमत.
आस-पास की सारी बुनावट,
इन्ही की तो देन है.
यों धागों को शुक्रिया,
कहना कब आया है?

सम्वेदना के स्वर Fri Dec 31, 10:11:00 pm  

एक जुलाहे (कबीर) ने जीवन को नया दर्शन दिया और आज आपने ख़्वाबों और आँखों की कताई से मोह लिया..
संगीता दी! नए साल की शुभकाम्नाएँ सारे परिवार के लिये!!

केवल राम Fri Dec 31, 10:13:00 pm  

जीवन दर्शन से भरी कविता ..
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें

मनोज कुमार Fri Dec 31, 10:21:00 pm  

सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद्‌ दुःखभाग्भवेत्‌॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!

सदाचार - मंगलकामना!

Anonymous Fri Dec 31, 10:24:00 pm  

सुन्दर रचना!
नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" Fri Dec 31, 10:51:00 pm  

बहुत खुबसूरत, आप जरूर कुछ बुन रही होंगी और जहां से ये खुबसूरत शब्दावली उपजी !

शोभना चौरे Fri Dec 31, 11:08:00 pm  

बहुत ही सुन्दर और सार्थक भाव लिए कविता |
इक दिन तो बादल बरसेगे ही
नव वर्ष मंगलमय हो |

Sadhana Vaid Fri Dec 31, 11:17:00 pm  

बहुत ही प्यारी रचना ! ख़्वाबों के पूनियों को आँखों से कातने का नितांत मौलिक बिम्ब बहुत अच्छा लगा ! आपके इतनी मेहनत से काते सभी स्वप्न साकार हों यही कामना है ! इतनी खूबसूरत रचना के लिये आभार एवं शुभकामनायें !

Dorothy Fri Dec 31, 11:19:00 pm  

गहरे अर्थो को समेटती एक सशक्त रचना.

अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.

आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.

कडुवासच Fri Dec 31, 11:24:00 pm  

... atisundar !
नया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!

गिरिजा कुलश्रेष्ठ Fri Dec 31, 11:30:00 pm  

संगीता जी , मन का मिले न मिले सूत तो कातना ही है । जीवन इसी का नाम तो है । कविता अच्छी लगी । आपको नववर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं

गिरिजा कुलश्रेष्ठ Fri Dec 31, 11:31:00 pm  

संगीता जी , मन का मिले न मिले सूत तो कातना ही है । जीवन इसी का नाम तो है । कविता अच्छी लगी । आपको नववर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं

उपेन्द्र नाथ Sat Jan 01, 12:04:00 am  

sangeeta ji , bahut hi khubsurat nazm...... aap ko naya sal mubarak ho.

kshama Sat Jan 01, 12:54:00 am  

Aapki har manokamna pooree ho!

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι Sat Jan 01, 01:04:00 am  

आज भी कातना बदस्तूर ज़ारी है।
बहुत सुनदर अभिव्यक्ति , बधाई व आपको व आपके ब्लाग के सभी साथियों को नववर्ष की शुभकामनायें।

लोकेन्द्र सिंह Sat Jan 01, 03:25:00 am  

बेहतर रचना....
संगीता जी आपको २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं। नववर्ष तो प्रतिपदा पर मनाता हूं तो नववर्ष की शुभकामनाएं तब ही दूंगा.... फिलहाल ईश्वर से कामना है कि आप खुश रहें और अपनी बेहतरीन रचनाओं से ब्लॉक पाठकों को खुश रखें।

Kunwar Kusumesh Sat Jan 01, 06:19:00 am  

तकली से बचपन याद आ गया .
नए साल की हार्दिक शुभकामनायें.

संजय भास्‍कर Sat Jan 01, 06:43:00 am  

आप व आपके परिवार वालो को नववर्ष के अवसर
शुभकामनाएँ..........................

ashish Sat Jan 01, 07:40:00 am  

जीवन की हर इच्छा , उसके सत्य और जिजीविषा में निहित भावनाओ को आप इतना करीब से पढ़ लेती है . नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .

Anonymous Sat Jan 01, 09:36:00 am  

संगीता जी,

सुभानाल्लाह....बहुत ही खूबसूरत......ये कताई तो उम्र भर यूँही चलती रहनी चाहिए.......नववर्ष की ढेरों शुभकामनाये|

दिपाली "आब" Sat Jan 01, 10:15:00 am  

naya saal aapke liye khushiyon ki chaadar laye.. Happy new year masi.. Love u

अजित गुप्ता का कोना Sat Jan 01, 10:30:00 am  

मन माफिक सुख ना मिले, कितने कातो सूत

आँखों में जो ख्‍वाब दें, केवल वे ही पूत।।

मुदिता Sat Jan 01, 10:44:00 am  

दीदी..
क्या बात है..वाह....और चरखा कहाँ है..हृदय में या दिमाग में.. सूत की गुणवत्ता इस पर बहुत निर्भर करती है न :)

बहुत सुंदर रूपक के साथ नन्ही नज़्म लिखी है आपने

मंजुला Sat Jan 01, 12:29:00 pm  

प्यारी रचना....

नव वर्ष की बहुत शुभकामनाये......

Khushdeep Sehgal Sat Jan 01, 01:19:00 pm  

सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
यह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...

जय हिंद...

ज्योति सिंह Sat Jan 01, 03:07:00 pm  

behad sundar ,nav varsh mangalmay ho aapko aur aapke apne ko .

वन्दना अवस्थी दुबे Sat Jan 01, 03:35:00 pm  

बहुत सुन्दर नज़्म, हमेशा की तरह.
नये वर्ष की अनन्त-असीम शुभकामनाएं.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Sat Jan 01, 06:41:00 pm  

वाह आपने तो गागर में सागर भर दिया है ...

मंगलमय नववर्ष और सुख-समृद्धिमय जीवन के लिए आपको और आपके परिवार को अनेक शुभकामनायें !

Arvind Jangid Sat Jan 01, 08:22:00 pm  

नव वर्ष मंगलमय हो, आपके जीवन को नए आयाम दे...

सुन्दर रचना!

आशा है की आपका मार्गदर्शन यूँ ही मिलता रहेगा.

अरविन्द जांगीड.
अत्यंत ही सुन्दर प्रस्तुति

नव वर्ष मंगलमय हो, आपके जीवन को नए आयाम दे

ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत रहेगा
http://arvindjangid.blogspot.com/

vijai Rajbali Mathur Sat Jan 01, 08:37:00 pm  

आपको तथा आपके परिवार के सभी जनों को वर्ष २०११ मंगलमय,सुखद तथा उन्नत्तिकारक हो.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') Sat Jan 01, 09:34:00 pm  

संगीता दी, मेरा यहाँ आना और गहन चिंतन से रूबरू होना.... अद्भुत... कताई जारी रहे यही सद्कामना है.... आपको नमन. धन्यवाद.
आपको सपरिवार नव वर्ष की बधाई.

ASHOK BAJAJ Sat Jan 01, 10:25:00 pm  

सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष २०११ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

mridula pradhan Sun Jan 02, 12:53:00 pm  

bahut sunder bhaw hain aapke.

sheetal Sun Jan 02, 05:44:00 pm  

Bahut sundar likha aapne.

Nav varsh ki hardik subhkamnai.

Dr Varsha Singh Sun Jan 02, 09:57:00 pm  

बहुत सुंदर कविता , बधाई स्वीकारें !
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' Sun Jan 02, 11:06:00 pm  

निरंतर चलते रहने की प्रेरणा देती रचना...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

स्वप्निल तिवारी Mon Jan 03, 11:51:00 am  

ye katna to humesha chalta rahega.... acchi nazm hai mumma... happy new year... :)

दिगम्बर नासवा Mon Jan 03, 03:15:00 pm  

गहरी अभिव्यक्ति ... कुछ शब्दों में लम्बी बात कहता आपकी खूबी है ......
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ..

Dimple Maheshwari Mon Jan 03, 05:13:00 pm  

जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!

Dr. Zakir Ali Rajnish Mon Jan 03, 05:33:00 pm  

संगीता जी, आपका जवाब नहीं। बहुत शानदार बात कह दी आपने। बधाई।

---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।

DR.ASHOK KUMAR Mon Jan 03, 06:47:00 pm  

बहुत शानदार अभिव्यक्ति है..........यही तो जिँदगी है । आभार दी !

M VERMA Tue Jan 04, 08:28:00 am  

कम शब्द ... गहरे भाव

धीरेन्द्र सिंह Wed Jan 05, 10:17:00 am  

मन माफिक सूत के भाव मन को छू गए। चैरेवेति...चैरेवेति...
नव वर्ष के लिए एक अच्छा संदेश है।
आपके तथा आपके परिवार के लिए नव वर्ष मंगलमय रहे।

Shaivalika Joshi Wed Jan 05, 03:43:00 pm  

bahut gahre bhav.............

***Punam*** Fri Jan 07, 01:16:00 pm  

शुक्रिया...इतना अच्छा लिखने के लिए!!हम सभी बुनकर की श्रेणी में ही आते है..कभी शब्द बुनते हैं और तो कभी ख्वाब...सूत मन माफिक हों या न हों...कातना बदस्तूर ज़ारी है

मुकेश कुमार सिन्हा Mon Jan 10, 04:20:00 pm  

ufF!! sangeeta di...itni gahri soch...

yahi to aapki khashiyat hai, kuchh sabdo me sab kuchh kah dete ho..:)

nav-varsh ki bahut saari subhkamnayen...

Satish Saxena Mon Jan 10, 05:26:00 pm  

बहुत प्यारी रचना के लिए बधाई आपको !

पूनम श्रीवास्तव Tue Jan 11, 11:57:00 am  

bus..kabhi na kabhi to man mafik milega hi....ye sochkar hi to hum zindagi me badhte rehte hain...jina isi ka nam hai...khubsurat rachna k kie badhai...
poonam

Dimple Maheshwari Thu Jan 13, 07:27:00 pm  

जय श्री कृष्ण...आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!

Shabad shabad Fri Jan 14, 03:17:00 am  

सुन्दर ...अति सुन्दर !

१३ जनवरी को पौष माह का आखिरी दिन यानि ठंड का अंत !इसी दिन लोहरी होती है ।
आप हमारे संग लोहरी मनाने हमारे यहाँ आईएगा ।

आभार
हरदीप

सुज्ञ Fri Jan 14, 02:59:00 pm  

लोहड़ी,पोंगल और मकर सक्रांति : उत्तरायण की ढेर सारी शुभकामनाएँ।

Dr.Uma Shankar Chaturvedi Fri Jan 14, 05:47:00 pm  

सुंदर कविता के लिए बधाई आपको !

ZEAL Tue Jan 18, 10:09:00 pm  

मन माफिक सूत की तलाश इधर भी जारी है।

ZEAL Tue Jan 18, 10:09:00 pm  

मन माफिक सूत की तलाश इधर भी जारी है।

Unknown Wed Jan 19, 05:13:00 pm  

बहुत अच्छा लिखती हैं आप .... आप इतना कुछ कैसे कर लेती हैं? आपके इस योगदान से ब्लॉग जगत कितना समृद्ध हो रहा है ....आपको बधाई.

कुमार राधारमण Thu Jan 20, 10:26:00 pm  

सचमुच,वो सुबह कभी तो आएगी!

Asha Lata Saxena Fri Jan 21, 06:17:00 am  

बहुत प्यारी अभिव्यक्ति |बधाई
आशा

Kailash Sharma Fri Jan 21, 07:28:00 pm  

छोटी सी नज़्म में गहन जीवन दर्शन..बहुत सुन्दर

amrendra "amar" Sat Jan 22, 11:56:00 am  

ख़्वाबों की पुनिया को
आँखों की तकली से
काता है शिद्दत से
सारी ज़िंदगी मैंने
कभी तो मन माफिक
सूत मिले ,
आज भी कातना
बदस्तूर जारी है ...

bahut umda rachna .......bhavoko ek naya ayam deti hui
.http://amrendra-shukla.blogspot.com

POOJA... Sat Jan 22, 11:40:00 pm  

वाह... कितने कम शब्दों में इतने सारे भाव...

विनोद कुमार पांडेय Sun Jan 23, 09:40:00 am  

संक्षिप्त पर सुंदर भाव..बढ़िया रचना के लिए बधाई

निर्मला कपिला Sun Jan 23, 11:11:00 am  

पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है इस कातने मे मगर मन माफिक सूत कब मिलता है। चन्द शब्दों मे सुन्दर बिम्ब प्रयोग। बधाई।

अनुभूति Sun Jan 23, 09:44:00 pm  

बहुत ही सुन्दर ..उर्जावान रचना ...कातना जीवन निरंतरता का प्रतीक ...आपको कोटि कोटि बधाईयां एवं शुभकामनाएं...

pragya Mon Jan 31, 10:48:00 am  

बहुत ख़ूबसूरत...एक निर्मल व थोड़ा सा दुखद एहसास...

रावेंद्रकुमार रवि Sun Feb 20, 11:19:00 am  

कातते रहना ही सबसे ज़रूरी है!

प्रिया Sun Mar 27, 10:19:00 pm  

Wow... Ye to kam shabdo mein Rocket hai

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) Fri Apr 01, 07:20:00 pm  

बदस्तूर जारी रहे ये!

VenuS "ज़ोया" Sun Apr 24, 01:23:00 am  

Diii
itnee kam shabdoon me kitniii baate keh dii aapne.....sach

रफ़्तार

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